महिलाएं जब किसी हाई प्रोफ़ाइल इलाके में जाती हैं तो वो उस जगह के हिसाब से ही अपनी हील्स का आकार चुनती हैं. जबकि पिछड़े इलाके में वो सादा चप्पल ही पहनती हैं।

अपने अक्सर देखा होगा की महिलाए हाई हील्स पहन कर खुद को ग्लैमरस अंदाज़ देती है।

फैशन के दौर में लड़कियां तरह-तरह के फैशन ट्रेंड्स अपनाती हैं, लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि वह हाई हील्स पहनना क्यों पसंद करती हैं।

दरअसल लड़कियां स्टेटस और प्रोफाइल को देखते हुए हाई हील्स पहनती हैं। अगर हाई प्रोफाइल का कोई फंक्शन है तो लड़कियां हाई हील्स पहनना पसंद करती हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि ऊंची एड़ी हमारे स्त्रीत्व लक्षणों को ज़्यादा स्पष्ट कर देती है. जैसे कि खुद को ग्लैमरस और फैशनेबल दिखाना।

लड़कियां क्यों पहनती है हील्स ?

एक शोध के अनुसार हाई हील पहनना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है लेकिन इसके बावजूद महिलाएं से बड़े शौक से पहनती हैं, हेल्थ इंस्टीट्यूट के मुताबिक हाई हील्स पहनने से पैर की हड्डी और घुटने पर बुरा असर पड़ता है।

वहीं एक रिसर्च के मुताबिक हाई हील पहनने से गठिया का खतरा बढ़ जाता है जिसमें जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत हो जाती है।

इसी के साथ हाई हील्स पहनने से इसका एक फायदा है जिसे आप जानकर हैरान हो जाएंगे आपके पेट का फैट कम होता है इसी के साथ पहनने से आपका कॉन्फिडेंस लेवल भी होगा क्योंकि जब आप अच्छे दिखते हैं और हमें हर काम में बेहतर परिणाम मिलते हैं।

फैशन टेक्नोलॉजी वाले जो फैशन डिजाइनर ,सूज के डिजाइनर से हाई हील के जूतो पे और सैंडल पे से काफी जोर दे रहे है,आइए जानते हैं कि फ्लैट चप्पल पहनने पर क्या होता हैं।

फ्लैट चप्पल पहनने से हमारा स्पाइन सीधा खड़ा होता है, जिससे मासपेशियां और पिडंलियों रिलैकस्ड होती हैं, क्योंकि पंजा जमीन पर बराबर पड़ता है और पंजे के बराबर पढ़ने से शरीर का सेंटर ग्रेविटी नॉर्मल होता है बिल्कुल सीधी होती है।

इन सबके अलावा शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि लड़कियां यह भी कोशिश करती हैं कि पार्टी या फंक्शन में उनकी हील ही सबसे ऊंची हो।

हाई हील पहनने से क्या होता है ?

हाई हील पहनने से एडियां ऊंची हो जाती हैं, एड़ियों के ऊंचे होने से पौशचर भी ऊंचा हो जाता है, और बॉडी के सेंटर ऑफ ग्रेविटी  को चेंज करने के लिए हमारा घुटना आगे की तरफ मुड़ जाता है।

जिससे पिंडों की मांसपेशियां सिकुड़ जाती है और हिप एरिया बाहर की ओर निकल जाता है , और सीना आगे की ओर निकल जाता है जिससे कि लड़कियां अपने आप को आकर्षक महसूस करती हैं, सुंदर दिखती हैं और उनकी हाइट बढ़ जाती है।

यही कारण है हाई हील पहनने के बाद लड़कियां खुद को आकर्षित महसूस करती है।

लेकिन इस तरह के पोशचर को लगातार लम्बे समय तक रखने से शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं जिससे लड़कियों के कमर में हैरेक्टर स्पाईन में काफी खिंचाव होता है |

जिससे उनके कमर में दर्द रहता है और घुटनों पर बेवजह का बोझ पड़ता है जिससे ओस्टियोआर्थराइटिस होने का संभावना रहती है।

काफ मसल सिकुड़ी होने के कारण ऊंची एड़ी की चप्पल पहनने वाले व्यक्ति तेजी से दौड़ नहीं सकते और जब वे किसी दिन बिना हील वाली चप्पल पहनते हैं तो उनके पैरों में काफी दर्द रहता है|

हाई हील वाले लोगों को कभी कभार ही हील पहनना चाहिए और अगर पहनते हैं अपने काफ मसल का स्ट्रैचिंग कम से कम 20 मिनट प्रतिदिन करना चाहिए। जिससे कि उनको आगे चलकर किसी प्रकार की तकलीफ ना हो।

हाई हील्स पहनने के फायदे

  1. आत्मविश्वास का स्तर बढ़ाता
  2. आपके पेट का फैट कम होता है
  3. अपने आप को आकर्षक महसूस करती हैं, सुंदर दिखती हैं
  4. उनकी हाइट बढ़ जाती है।
  5. हमारा स्टेटस लेवल बताते हैं.
  6. ग्लैमरस अंदाज़
  7. लड़कियां स्टाइलिश और अट्रैक्टिव दिखने के लिए हाई हील्स पहनती हैं।

हाई हील्स का इतिहास

यूरोप में, मध्य युग से लेकर 20वीं सदी की शुरुआत तक, पुरुषों और महिलाओं दोनों ने पैटन नामक प्लेटफार्म-प्रकार के ओवरशूज पहने थे।

पैटन विशुद्ध रूप से उपयोगी थे और लोगों को सड़क की गंदगी से बचाते और सुरछित रखते थे।

 ये साधारण ओवरशूज लकड़ी और धातु के तलवों से बने होते थे, जिसमें कपड़े या चमड़े की पट्टी होती थी, जो पैर के ऊपर से गुजरती थी।

15वीं से 17वीं सदी में, महिलाएं चॉपाइन्स (उच्चारण “शा-पीन्स”), एक अन्य प्लेटफॉर्म-प्रकार का जूता पहनती थीं। प्रारंभ में, चोपिन भी एक सुरक्षात्मक ओवरशू थे, लेकिन अंततः वे सामाजिक स्थिति का प्रतीक बन गए।

चोपिन जितना ऊँचा होगा, समाज में महिला की स्थिति उतनी ही ऊँची होगी। अभी भी अस्तित्व में चोपिन हैं जो ऊंचाई में 20 इंच से अधिक हैं।

 कुलीन पुरुष (Nobel Man) अधिक मर्दाना दिखने के लिए ऊँची एड़ी के जूते पहनते थे, चूंकि नई जूता शैली निचले वर्गों तक पहुंच गई, उच्च वर्ग ने फिर से विशेषाधिकार और स्थिति दिखाने के लिए अपनी एड़ी की ऊंचाई बढ़ा दी।

फ्रांस के लुई XIV को अपनी हील्स से इतना प्यार था कि उसने लाल तलवों और हील्स के साथ एक सिग्नेचर शू बनाया, और उसने पुरुषों को उसी शू स्टाइल को पहनने की अनुमति दी। यदि कोई रईस स्टेटस से बाहर हो जाता है, तो वह अब लाल जूते नहीं पहन सकता था,

इसलिए यह पहचानना आसान था कि कौन रईस था या नहीं, समाज में पुरुषों की शक्ति के विरोध के रूप में महिलाओं ने 1630 के दशक में ऊंची एड़ी के जूते पहनना शुरू किया।

 पुरुषों का फैशन एक अधिक आरामदायक प्लेटफ़ॉर्म शू के रूप में विकसित हुआ था, जबकि महिलाओं ने स्पाइकियर-हील शू पहना था। 1791 में, नेपोलियन ने सभी हाई हील्स को गैरकानूनी घोषित कर दिया क्योंकि वे समाज को बाँटते थे।

सेक्स और स्त्रीत्व

हाई हील्स 19वीं शताब्दी के मध्य में फिर से फैशन बन गया, इस बार एक सेक्स प्रतीक के रूप में, परिणाम स्वरुप एक फोटोग्राफर ने “गंदे” पोस्टकार्ड पर इस्तेमाल करने के लिए ऊँची एड़ी के जूते में नग्न महिलाओं की तस्वीरें लीं।

लड़कियाँ High Heels क्यों पहनती है, जाने इसके फायदे और नुकसान

जल्द ही, स्त्री-श्रंगार आम जनता के बीच लोकप्रिय हो गया, और ऊँची एड़ी के जूते फैशन में वापस आ गए। 1920 के दशक में फ्लैपर्स और 1950 के दशक में गृहिणियों भी हाई हील्स का इस्तेमाल करने लगी थी। अब तक हाई हील्स लोगो का पसंदीदा फैशन बन चूका था।

2012 में, यूके के पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया जिसका शीर्षक था “क्या ऊँची एड़ी के जूते पहनने से महिलाये ज्यादा आकर्षक दिखती हैं”।

शोधकर्ताओं ने महिलाओं को फ्लैट जूते और ऊँची एड़ी में चलते हुए रिकॉर्ड किया, और इस शोध से यह पता चला की फ्लैट जूते पहनने वाली महिलाओ की तुलना में हाई हील्स वाली महिलाएं ज्यादा आकर्षक दिखती हैं।

इस शोध में यह भी पता चला की हाई हील्स पहनने वाली महिलाओ के स्तन और हिप्स बाहर की तरफ निकल जाते हैं जिससे वो और ज्यादा आकर्षक लगती हैं।

हाल ही में ब्रिटेन के एक अध्ययन में बताया गया है कि महिलाओं के पैरों में ऊँची एड़ी के जूते का क्या प्रभाव पड़ता है।

अधिकांश महिलाओं को केवल एक घंटे से अधिक हाई हील्स पहनने से दर्द होता है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऊँची एड़ी पहनने वाली महिलाएं फैशन के नाम पर खुद को स्थायी चोट के जोखिम में डाल रही हैं।

स्पाइन हेल्थ इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट है कि 72 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में हाई हील्स पहनती है, 18-24 साल की 49 प्रतिशत महिलाएं , 20-49 साल की 42 प्रतिशत महिलाएं और 50 और उससे अधिक उम्र की 34 प्रतिशत महिलाएं हाई हील्स पहनती हैं।

हाई हील्स पहनने से कुछ महिलाओ में अपेछाकृत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव होते हैं जैसे रीढ़ का चपटा होना, सिर का पीछे का विस्थापन, और पैर पर अवांछित बढ़ा हुआ दबाव, ये सभी हाई हील्स पहनने के परिणाम हैं।

ऊँची एड़ी के जूते आपको अधिक पुरुष ध्यान देते हैं

एक बार एक शोधकर्ता Nicholas Gauguin ने अपने प्रयोग में 19 वर्षीय महिलाओ क 2 ग्रुप बनाये, एक ग्रुप को टाइट टॉप और हाई हील पहनाया और दूसरे ग्रुप को नार्मल कपडे और फ्लैट शूज़ पहनने को कहा।

अब दोनों ग्रुप्स को रोड पर चलते हुए अपने दस्ताने गिराने को कहा, और देखा की कितने लोग उनके दस्ताने उठाकर उन्हें वापस करते हैं।

उन्होंने अपने प्रयोग में पाया की हाई हील्स वाली ग्रुप की महिलाओ को 95% केस में लोगो ने दस्ताने उठाकर उन्हें वापस किये, जबकि फ्लैट हील्स वाले ग्रुप का प्रतिशत 60% था।

एक दूसरे प्रयोग में उन्होंने दोनों ग्रुप्स की महिलाओ को बार में बैठने को कहा, और देखा की कितने समय में पुरुष उनको एप्रोच करते हैं।

उन्होंने इस प्रयोग में पाया की हाई हील्स वाली ग्रुप की महिलाओ को औसतन 7 मिनट में पुरुषो द्वारा एप्रोच किया गया, जबकि फ्लैट हील्स वाले ग्रुप का औसत समय 14 मिनट था।

हाई हील्स पहनने के नुकसान (साइड इफेक्ट्स)

  1. जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत
  2. आर्च स्ट्रेन
  3. घुटने में दर्द की शिकायत रहती है
  4. फ्रैक्चर होने का खतरा
  5. ऑस्टियोअर्थराइटिस
  6. मांसपेशियों पर प्रभाव
  7. पहनने के लिए असुविधाजनक होते
  8. खर्चे बहुत होते हैं एवं पैसे की बर्बादी

निष्कर्ष

मूल रूप से पुरुषों द्वारा निर्मित और पहना जाता है और अब लगभग विशेष रूप से महिलाओं द्वारा पहना जाता है, ऊँची एड़ी के जूते कई चरणों और युगों से गुजरे हैं।

उन्होंने अलग-अलग युगों में मर्दानगी और शक्ति से लेकर प्रतिष्ठा और रॉयल्टी से लेकर स्त्रीत्व और सेक्स अपील तक कई अलग-अलग चीजों को चित्रित किया।

ऊँची एड़ी के जूते का एक लंबा इतिहास है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह सुझाव दे सके कि उनका भविष्य और भी लंबा नहीं होगा।